गडकरी जी ने बताया कि “आने वाले पांच साल में देश से पेट्रोल गाडियां खत्म हो जाएंगी और उनकी जगह electric vehicles, ethanol से चलने वाली गाड़ियां ही दिखेंगी । ”
संपूर्ण विश्व में EV के प्रयोग को बढ़ाने का प्रयास किए जा रहे हैं । Electric Vehicle के प्रयोग को बढ़ाने के पीछे कुछ अति आवश्यक कारण है जैसे अभी हम पेट्रोल डीजल गाड़ियों का इस्तेमाल कर रहे है । पेट्रोल और डीजल ऐसे ईंधन है जो कि पृथ्वी के भीतर पाए जाते हैं इसलिए आने वाले सालों में यह समाप्त हो जाएंगे । इसके चलते इनकी कीमते भी बढ़ती जा रही है । इसलिए अब पूरे विश्व की नजरें Electric Vehicle की तरफ है। ऐसे में हर देश में electric e के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है।
भारत भी अब इस काम में पीछे नहीं है । यहां केंद्र सरकार द्वारा लगातार electric vehicles के चलन को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। भारत के केंद्रीय सड़क परिवहन एवम् राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी electric vehicles से जुड़े बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों मे रहते हैं । हाल ही में उनके द्वारा दिया गया बयान चर्चा का विषय बन गया है।
नितिन गडकरी महाराष्ट्र के अकोला में डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में उपस्थित हुए थे । इस दौरान विश्वविद्यालय की तरफ़ से उन्हे “doctor of science” की उपाधि से सम्मानित किया गया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने पेट्रोल के विकल्पो के बारे मे भी चर्चा की और बताया कि विदर्भ में बने बायो – एथेनॉल का इस्तेमाल वाहनों में किया जा रहा हैं।
साथ ही में green hydrogen को तैयार करने के बारे में बताया कि इसे कुएं के पानी से बनाया जा सकता है जिसकी कीमत 70 रुपए per/Kg तक हो सकती है। गडकरी जी ने बताया कि किसानों को अब परंपरागत खेती के अलावा ऊर्जा निर्माण पर भी ध्यान लगाना चाहिए क्योंकि केवल गेंहू, चावल , मक्का की खेती करने से भविष्य नहीं बदला जा सकता। किसानों को अन्नदाता बनने को बजाय ऊर्जा दाता बनने की जरूरत है ।
गडकरी जी ने बताया कि “अगले पांच साल में देश से पेट्रोल खत्म हो जाएगा। उनके अनुसार इथेनॉल पर सरकार द्वारा लिए गए फैसले से देश को 20,000 करोड़ रुपए सालाना की बचत होगी । उन्होंने बताया कि अब देश में वो दिन दूर नहीं जब Two wheelers और four wheelers vehicle’s , green hydrogen, ethanol और CNG से चलेंगे ।
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