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Hybrid Electric Vehicles: कैसे काम करते है?

https://e-vehicleinfo.com/hindi/hybrid-vehicles/

देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल का मार्केट बढ़ता ही जा रहा है लेकिन इलेक्ट्रिक व्हीकल में कुछ ऐसी खामिया है जो ड्राइवर्स को इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने से रोकती है उनमें से एक है चार्जिंग में लगने वाला समय और चार्जिंग स्टेशन की कमी। पर्याप्त चार्जिंग स्टेशन ना होने के कारण इलेक्ट्रिक व्हीकल को लम्बी दुरी के लिए इस्तेमाल नहीं किये जा सकता है। 

ऐसे में कंपनिया बाजार में अपने Hybrid Electric Vehicle लॉन्च कर रही है , इस तरह के व्हीकल में पैट्रॉल / डीज़ल / ICE इंजन के साथ-साथ इलेक्ट्रिक मोटर का इस्तेमाल भी होता है जिससे ड्राइवर को केवल बैटरी पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है बैटरी समाप्त होने पर फ्यूल का भी इस्तेमाल कर सकते है । आज के इस आर्टिकल में हम Hybrid Electric Vehicle के बारे में विस्तार से जानने वाले है। 

Hybrid Electric Vehicle (HEV)

जैसा की हमने बताया इस तरह के वाहनों में बैटरी के साथ-साथ नार्मल इंजन का भी इस्तेमाल होता है जिससे व्हीकल को केवल बैटरी से ही नहीं बल्कि इंजन से भी चलाया जा सकता है। इन व्हीकल में मोटर के साथ किसी भी तरह का इंजन हो सकता है जैसे पैट्रॉल इंजन , डीज़ल इंजन और ICE इंजन। 

Types Of Hybrid Electric Vehicle

हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल मुख्यत तीन प्रकार के होते है इन सभी Hybrid इलेक्ट्रिक व्हीकल के काम करने का तरीका अलग-अलग होता है। हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल के तीनो प्रकार निम्न है : –

  1. Full Hybrid Vehicle
  2. Mild Hybrid Vehicle 
  3. Plug-in Hybrid Vehicle 

1. Full Hybrid Electric Vehicles (FHEV)

फुल हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल में इंजन और इलेक्ट्रिक मोटर दोनों का इस्तेमाल होता है और इन व्हीकल को चार्ज नहीं किया जा सकता है। फुल हाइब्रिड व्हीकल की बैटरी व्हीकल के इंटरनल सिस्टम (इंजन) और ब्रेक लगाने पर उत्पन होने वाली एनर्जी ( Regenerative Barking ) से चार्ज होती है। 

Full Hybrid Vehicle के वर्किंग सिस्टम को दो अलग अलग टाइप्स में बांटा जा सकता है  : 

  1. Series Hybrid
  2. Parallel Hybrid

Series Hybrid: इस तरह के हाइब्रिड व्हीकल में इंजन जनरेटर को पावर देता है और जनरेटर इलेक्ट्रिसिटी उत्पन करके व्हीकल की मोटर को पावर देता है जिससे व्हीकल चलता है। अगर व्हीकल को कम ऊर्जा की जरुरत होती है और इंजन ज्यादा ऊर्जा उत्पन करता है तो इसमें इस ऊर्जा को बैटरी में स्टोर किया जाता है (बैटरी चार्ज होती है )। इसके अलावा बैटरी Regenerative Braking से भी चार्ज होती है। https://e-vehicleinfo.com/hindi/hybrid-vehicles/

कार को जब बैटरी मोड में चलाया जाता है तो बैटरी मोटर को पावर देती है जिससे व्हीकल चलता है। इस तरह के व्हीकल में इलेक्ट्रिक मोटर ही व्हीकल को चलाती है और इंजन केवल इलेक्ट्रिसिटी उत्पन करने के लिए काम आता है। 

Key Points: –

  • इन व्हीकल को चार्ज नहीं किया जा सकता है बैटरी केवल इंटरनल सिस्टम से ही चार्ज होती है। 
  • इन व्हीकल के इंजन हमेशा अपनी पूरी क्षमता के साथ काम करते है चाहे व्हीकल को खड़ा किया हुआ हो, जिससे बैटरी हमेशा चार्ज होती रहती है। 
  • व्हीकल में ब्रेक लगाने पर उत्पन होने वाली Kinetic Energy और Heat का इस्तेमाल भी बैटरी को चार्ज करने में किये जाता है। 
  • व्हीकल को जब इलेक्ट्रिक और इंजन मोड के बिच स्विच किया जाता है तो इस प्रोसेस में एनर्जी का नुकशान भी होता है। 

Parallel Hybrid : इन हाइब्रिड व्हीकल में इंजन ट्रांसमिशन से कनेक्ट होकर डायरेक्ट व्हीकल को चलाता है और बैटरी डायरेक्ट मोटर को पावर देती है जिससे मोटर भी ट्रांसमिशन  से कनेक्ट होकर डायरेक्ट व्हीकल को चलाती है।  इन व्हीकल में सीरीज के मुकाबले लौ बैटरी पैक का इस्तेमाल होता है व्हीकल मर जनरेटर का इस्तेमाल ना होने कारण के बैटरी केवल Regenerative Braking से ही चार्ज होती है। 

Parallel Hybrid व्हीकल जब कम गति में चलते है तब मोटर का इस्तेमाल करते है और जब ज्यादा गति और पावर की आवश्यकता होती है तब इंजन काम में आता है और हाई स्पीड पर मोटर और इंजन दोनों का इस्तेमाल होता है। ये व्हीकल बैटरी के मुकाबले इंजन पर ज्यादा निर्भर करते है। 

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Key Points: –

  • इन व्हीकल में बैटरी और मोटर का इस्तेमाल कम होता है। 
  • इंजन और मोटर डायरेक्ट व्हील से कनेक्ट होने के कारण दोनों अलग-अलग या साथ में व्हील को पावर दे सकते है। 
  • इन व्हीकल में भी एक्सटर्नल चार्जिंग का इस्तेमाल नहीं कर सकते बैटरी केवल Regenerative Braking से ही चार्ज होती है

2. Mild Hybrid Electric Vehicle (MHEV)

Mild Hybrid Electric Vehicles में Full Hybrid के मुकाबले कम क्षमता वाली बैटरी का इस्तेमाल होता है। इन व्हीकल में मोटर को  डायरेक्ट इंजन के साथ कनेक्ट किया हुआ होता है जिससे इंजन को एक्स्ट्रा सपोर्ट मिलता और इंजन ज्यादा efficiency के साथ चलता है। ये मोटर इंजन को चालू -बंद के साथ-साथ रनिंग में भी सपोर्ट कराती है। 

Mild Hybrid इलेक्ट्रिक व्हीकल में बैटरी को चार्ज करने का केवल एक ही तरीका होता है जो की Regenerative Braking है और बैटरी को चार्जिंग करने से पहले, उत्पन होने वाली इलेक्ट्रिसिटी का इस्तेमाल व्हीकल के दूसरे इलेक्ट्रिक पार्ट को पावर देने में होता है और जो इलेक्ट्रिसिटी बच जाती है उससे बैटरी को चार्ज किया जाता है। 

Key Points: – 

  • इन व्हीकल में regenerative braking से ही बैटरी को चार्ज किय जा सकता है। 
  • इन व्हीकल में लौ कैपेसिटी वाली मोटर और बैटरी का इस्तेमाल होता है। 
  • Mild Hybrid व्हीकल में मोटर और इंजन हमेशा साथ में काम करते है। 
  • ये व्हीकल फुल हाइब्रिड के सस्ते होते है। 

3. Plug-in Hybrid Vehicle 

Plug-in Hybrid इलेक्ट्रिक व्हीकल के नाम से ही पता चलता है की इन व्हीकल को प्लगइन कर सकते है इसका मतलब इसमें लगी इलेक्ट्रिक बैटरी को एक्सटर्नल चार्जर से भी चार्ज किया जा सकता है।  ये व्हीकल हाइब्रिड व्हीकल होते हुए भी इलेक्ट्रिक व्हीकल जैसे काम कर सकते है। 

इन व्हीकल में इंजन के साथ-साथ इलेक्ट्रिक बैटरी का इस्तेमाल होता है और व्हीकल को पैट्रॉल /डीज़ल या फिर इलेक्ट्रिसिटी से चलाया जा सकता है। व्हीकल की बैटरी एक्सटर्नल स्त्रोत के साथ इंटरनल सिस्टम से भी चार्ज होता है और regenerative braking भी बैटरी को चार्ज करती है। 

Key Points: –

  • इन व्हीकल को केवल  इलेक्ट्रिक मोटर या केवल इंजन के साथ इस्तेमाल में लिए जा सकता है। 
  • इन व्हीकल में ज्यादा क्षमता वाली बैटरी देखने को मिलती है। 
  • ये व्हीकल कम दूर के लिए इलेक्ट्रिक और लम्बी दूर के लिए इंजन मोड में अच्छे से काम करते है। 
  • दूसरे हाइब्रिड व्हीकल के विपरीत इन व्हीकल में बैटरी चार्जिंग का भी ऑप्शन मिलता है। 

Hybrid Electric Vehicle Pros And Cons

 Pros: –

  • हाइब्रिड व्हीकल फ्यूल व्हीकल के मुकाबले ज्यादा पर्यावरण के अनुकूल होते है । 
  • इन व्हीकल को इलेक्ट्रिसिटी और फ्यूल दोनों से चलाया जा सकता है। 
  • व्हीकल जब बैटरी मोड में चलता है तक फ्यूल दहन न होने के कारण पैसो की बचत होती है। 
  • फ्यूल व्हीकल के मुकाबले इन व्हीकल में आवाज भी कम आती है। 
  • व्हीकल में Energy Loss नहीं होता है। 

Cons: –

  • ये व्हीकल फ्यूल व्हीकल के मुकाबले ज्यादा महंगे होते है। 
  • इलेक्ट्रिक व्हीकल से कम environmental friendly होते है। 
  • Maintenance कॉस्ट भी इन व्हीकल की ज्यादा होती है। 
  • Fully Hybrid और Mild हाइब्रिड व्हीकल को एक्सटर्नल चार्जर से चार्ज नहीं किया जा सकता है। 

 

FAQs

Q. हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल क्या होते है ?

Ans. जिन व्हीकल में इलेक्ट्रिक मोटर के साथ-साथ फ्यूल इंजन का भी इस्तेमाल होता है और व्हीकल दोनों की पावर से चलता है उन व्हीकल को Hybrid Electric Vehicle कहते है। 

Q. हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल कितने प्रकार के होते है ?

Ans. हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल तीन प्रकार के होते है : 

  1. Full Hybrid Electric Vehicle
  2. Mild Hybrid Electric Vehicle 
  3. Plug-in Hybrid Electric Vehicle 

Q.क्या हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल को चार्ज किया जा सकता है ?

Ans. ज्यादातर हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल में चार्जिंग का ऑप्शन नहीं होता है व्हीकल की बैटरी इंटरनल सिस्टम, जनरेटर और Regenerative Braking से चार्ज होती है। लेकिन Plug-In Hybrid की बैटरी को एक्सटर्नल चार्जर से चार्ज किया जा सकता है। 

Q. हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल के क्या फायदे है ?

Ans. इस तरह के व्हीकल में इलेक्ट्रिक व्हीकल और फ्यूल व्हीकल दोनों के फीचर मिलते है, इन व्हीकल को लम्बी दूर के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है और फ्यूल व्हीकल के मुकाबले ज्यादा Efficient और Environmental Friendly होते है। 

 

 

Nitesh Parihar

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