तकनीक अपने साथ कुछ समस्याएं भी लेकर आती है क्योंकि भारत में बढ़ते इलेक्ट्रिक वाहनों के बाजार में भी कुछ समस्याएं आई हैं। पिछले कुछ महीनों से देश के कोने-कोने से लगातार इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने की खबरें आ रही हैं.
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों में लगातार हो रही आग के कारण ग्राहकों के मन में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने को लेकर डर फैलने लगा है।
DRDO की Report– सरकार की और से इन घटनाओं को लेकर DRDO को मामले की जांच के आदेश सौंपे थे । DRDO द्वारा मामले की जांच करते हुए एक Report पेश की गई। इस Report ने आग लगने के पीछे का मुख्य कारण EV में इस्तेमाल होने वाली battery को बताया गया । Reports का मानना है की कंपनियों द्वारा हल्की और सस्ते किस्म की लिथियम आयन battery का प्रयोग किया जा रहा है और ये battery ज्यादा heat को झेल नहीं पाती है , जिसके चलते आगजनी की घटनाएं सामने आ रही है ।
इन कंपनी को चेतावनी – इसके बाद सड़क और परिवहन मंत्रालय द्वारा OLA, Okinawa, Pure EV जैसी और भी कंपनियों को समन भेजा गया था और उनसे इन EV’s की Battery से Related Reports मांगी गई थी।
केंद्र सरकार का मानना है की electric scooter में आग लगने के कारण कई लोगो को नुकसान का सामना करना पड़ा है और कई जगह पर लोगो को जान तक गवानी पड़ी है । ऐसे में electric vehicles कंपनियों को दंडित भी किया जा सकता है। सरकार ने कंपनियों को 30 जुलाई तक का समय दिया है अपनी reports को सरकार के सामने पेश करने का । इस अवधि को बढ़ाया भी जा सकता है ।
Safety बढ़ाने के निर्देश– जांच की गई Reports में ये भी पाया गया था की इन electric scooter में basic Safety system की कमी थी , साथ ही इनका battery management system (BMS) भी घटिया था । इन कंपनियों को safety बढ़ाने के निर्देश दिए गए है ।
भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने हाल ही में “performance standard for electric vehicles“ को प्रकाशित किया है जिसमे battery के रख – रखाव सबंधित दिशा -निर्देश दिए गए है ।
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